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allergy from wheat

कैसे पता लगाएं गेहूं से एलर्जी है की नहीं , allergy from wheat, treatment

 

कुछ लोगों को एक विशेष प्रकार की बीमारी होती है जिसमें उन्हें ग्लूटेन नामक एक प्रोटीन से एलर्जी होती है. ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ खाने से उनकी आंतों को कुछ इस प्रकार से नुकसान होता है कि उनकी खाने को पचाने और पोषक तत्वों को अवशोषित (absorb) की क्षमता कम हो जाती है (Gluten sensitive enteropathy, Celiac disease). इससे उन के अंदर आयरन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. इस प्रकार के लोगों में दस्त, पेट दर्द, गैस अधिक बनना, खून की कमी, वज़न कम होना, कमजोरी व थकान, हड्डियां कमज़ोर होना, महिलाओं में माहवारी अनियमित होना या न होना, पुरुषों में नपुंसकता व त्वचा सम्बन्धी बीमारियाँ हो सकती हैं. बचपन से जिन लोगों को यह बीमारी होती है उन की बढ़वार (growth) रुक जाती है.

डायग्नोसिस: इस बीमारी को डायग्नोस करने के लिए एक विशेष खून की जांच एवं एंडोस्कोपी द्वारा छोटी आंत के कुछ हिस्से (duodenum) की जांच करनी होती है.

उपचार: इस बीमारी में कोई दवा काम नहीं करती. केवल ग्लूटेन का पूर्ण परहेज करने से यह बीमारी कंट्रोल में रहती है.

ग्लूटेन फ्री डाइट:
ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है जो कि गेहूं, जौ, राइ और ट्रिटिकेल (गेहूँ और राइ के क्रॉस से बना एक अनाज) में पाया जाता है। ये राइ भी मसाले वाली राई नहीं बल्कि गेहूँ जैसा एक अनाज है. देखने में यह लिस्ट छोटी सी लगती है लेकिन उत्तर भारतीय भोजन में गेहूं का प्रयोग इतना अधिक है कि सामान्य व्यक्ति गेहूं के बिना खाना खाने की कल्पना भी नहीं कर सकता। गेहूं की रोटी हमारा मुख्य आहार है। इसके अलावा गेहूं से दलिया सूजी व मैदा बनते हैं जिनसे अधिकतर खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं। ग्लूटेन फ्री डाइट के लिए निम्न पदार्थ खाना मना हैं –
1. गेहूं से बनने वाली रोटी, पराठा, पूरी आदि, मैदा से बनने वाली नान व कुलचा आदि
2. गेहूं का दलिया
3. अधिकतर बेकरी प्रोडक्ट जैसे ब्रेड, बिस्किट्स, पेटीज, केक, पेस्ट्रीज, रस्क, कुकीज़, मठरी एवं मैदा से बनने वाले अन्य खाद्य पदार्थ
4.  अधिकतर फ़ास्ट फूड्स जैसे पिज्जा, बर्गर, मोमोज़,  नूडल्स, मंचूरियन, पास्ता, हॉट डॉग्स, सबवे, पाव भाजी, समोसे, भटूरे आदि
5. सूजी से बनने वाले खाद्य पदार्थ जिसमें सूजी का हलवा, उपमा, रवा इडली और रवा डोसा शामिल हैं।
6. सिवईं (vermicelli) व जवे
7. जौ से बनने वाली बीअर
8. बहुत से खाद्य पदार्थों में थोड़ी मात्रा में मैदा को बाइंडिंग एजेंट के रूप में मिलाते हैं (जैसे आलू की टिक्की, कटलेट आदि)। सूप और ग्रेवी को गाढ़ा करने के लिए उसमें थोड़ी सी मैदा मिला सकते हैं. कस्टर्ड पाउडर में भी मक्का के आटे के साथ मैदा की मिलावट हो सकती है। उड़द की दाल की बड़ियों में भी मैदा की मिलावट हो सकती है.
9. बहुत सी मिठाइयाँ भी मैदा से बनती है- जैसे गुलाब जामुन, बालूशाही, जलेबी, सोन हलवा आदि

जिन खाद्य पदार्थों में ग्लूटेन नहीं होता है उनके नाम इस प्रकार हैं –
1. सभी फल व सब्जियां, सलाद व जूस
2. सभी दालें, चना, मटर, सोयाबीन, राजमा व लोबिया, चने का आटा एवं बेसन, दाल से बनने वाले पापड़ और बड़ियाँ
3. चावल व चावल से बनी चीजें (लैया, पोहा, चावल का आटा, चावल से बने डोसा व इडली)
4. मक्का के दाने व मक्का का आटा
5. रागी (millet), ज्वार, बाजरा (और बाजरे का आटा)
6. सिंघाड़े और कूटू का आटा
7. काजू, बादाम, अखरोट, पिस्ता, मखाने, किशमिश आदि मेवे
8. दूध और दूध से बनी चीजें जैसे- दूध, दही, मट्ठा, मक्खन, पनीर, खोया, चाय, कॉफी
9. रामदाना (चोया)
10. खोया, छेना, बेसन की मिठाइयां, पेठे की मिठाई, इमरती, चावल व मखाने की खीर,

cover image credit:healthline.com

information credit:Dr Sharad Agrawal

 

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