Culture Of India

सबसे पहली साड़ी किसने पहनी , साड़ी का इतिहास,history of saree in hindi

किसी भी जगह को एक अलग पहचान कुछ खास चीज़ों  की वजह से मिलती है जैसे वहाँ की बोली ,खाना,पीढ़ियों

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जानें इनका अर्थ क्या है : अथ ध्यानम् शान्ताकारं भुजगशयनं पद्यनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।

अथ ध्यानम्

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्यनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं

वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।

भावार्थ : जिनकी आकृति अति शांत है, जो शेषनाग की

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कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली, history of raja bhoj in hindi

कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली .…. ये कहावत बहुत पुरानी है और सभी के लिए जानी पहचनी भी

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क्यो है हरेला पर्व खास,आइये जानते है इसका राज़: उत्तराखंड (harela parv) uttrakhand

हम भारत की बात करे या किसी अन्य  दूसरे देशों की बात करें तो हर जगह के अलग- अलग  त्यौहार

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बंगाल में अनोखा होता जमाई का आदर सत्कार ये है जमाई शष्टि का त्यौहार, jamai shashti festival,bengal

 आज हम बात कर रहे हैं भारतीय बंगाली परिवारों में होने वाली परंपरा के बारे में जिसे बड़े ही धूम

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बिन फेरे हम न होंगे तेरे : जानिये 4000 हज़ार साल पुराना है फेरों का रिवाज़ indian wedding wow history

पूरी दुनिया के सभी देशों में शादी को समाज और संस्कृति  का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है जो सदियों

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बम्बई के बाद सिर्फ चंदौसी मे लगता है गणेश चौथ का मेला .Ganesh Chouth mela in chandausi

कहने को चंदौसी उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा शहर है जहाँ भारत के किसी और शहर कस्बे की तरह

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बरेली की जरी कारीगरी : jari karigari,bareilly

बरेली की जरी कारीगरी का काम पुरे देश ही नहीं और दुनिया में भी जाना जाता है . यहाँ यह

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