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पंजाब की धरोहर

पंजाब की धरोहर :फुलकारी ,fulkari punjab

पंजाब का जिक्र चले और फुलकारी वर्क का नाम ना आये, ऐसा नहीं हो सकता, क्यूंकि फुलकारी वर्क पंजाबी कल्चर का एक हिस्सा है, जिसकी शुरुआत बच्चे के जन्म से लेकर शादी तक और तीज त्योंहारों में शामिल है। फुलकारी कढ़ाई भारत में कब और कैसे आई इसे लेकर कई धारणाऐं हैं जैसे कुछ का मानना है

की मध्य एशिया के जट प्राचीन काल में फुलकारी को भारत लाये थे तो कुछ का कहना है की इसका जन्म 15 वि शताब्दी में पंजाब में हुआ था तो कुछ का कहना है की ये पर्शिया से आयी है जहाँ की कढ़ाई को गुलकारी कहते है जिसमे गुल का मतलब फूल और कारी का मतलब कढ़ाई होता है। पहले के जमाने में फुलकारी कढ़ाई घर की औरतें किया करती थीं

और अपनी आने वाली पीढ़ी को सौपती थीं । कुछ समय पहले फुलकारी पुरे भारत में इतनी प्रचलित नहीं थी लेकिन जब 2008 में अनुष्का शर्मा ने रब ने बना दी जोड़ी मूवी में फुलकारी के दुपट्टे ओढ़े तो उस के बाद फुलकारी पूरे भारत में फैशन में आगयी। ये कढ़ाई कई प्रकार की होती है

जैसे बाघ फुलकारी,थीरमा,दर्शन द्वार और बावन फुलकारी कुछ प्रमुख नाम हैं।आपको इस कढ़ाई के सिर्फ सूट और दुपट्टे ही नहीं बल्कि पर्स, कुशन कवर, जूतियां, साड़ी, लहंगे आदि मार्किट में या ऑनलाइन मिल जाएंगे।


पंजाब की ये धरोहर आज पूरे भारत में फेमस हो रही है।

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